अर्धवार्षिक परीक्षा में विद्यार्थी कैसे हो गए इतने अधिक संख्या में पास अब गुरु जी की होगी परीक्षा अधिकारी रेनमाइजेशन तरीके से गोपियों की करेंगे जांच
अर्धवार्षिक परीक्षा में विद्यार्थी कैसे हो गए इतने अधिक संख्या में पास अब गुरु जी की होगी परीक्षा अधिकारी रेनमाइजेशन तरीके से गोपियों की करेंगे जांच
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक दरभंगा में निरीक्षण के दौरान अर्धवार्षिक मूल्यांकन में गड़बड़ियां पकड़ी थी इस दौरान कई ऐसी उत्तर पुस्तिका मिली थी जो शिक्षकों की हस्त लिखी थी जिसकी जांच की गई थी कहीं ऐसी भी उत्तर पुस्तिका थी जिसमें कुछ भी नहीं लिखा था फिर भी अंक दिए गए थे इसके बाद अब राज्यपाल के अर्धवार्षिक मूल्यांकन कृपया मुख्यालय में रेंडम तरीके से जांच करने का निर्णय लिया गया है
जांच के बाद पता चला कि विद्यार्थी कैसे पास हुए हैं मुख्यालय की जांच में शिक्षकों की कसौटी पर करना पड़ेगा नहीं तो शिक्षकों पर गाज भी गिर सकती है बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निर्देश पर जिले के पांच प्रखंडों के उत्तर पुस्तिका भेजी जाने की तैयारी शुरू हो गई है इसमें गोपालपुर जगदीशपुर नगर निगम और सुल्तानगंज प्रखंड शामिल है यहां से कुल 2289 कॉपियां विभाग को भेजी जाएगी
मिली जानकारी के मुताबिक इन प्रखंडों का चयन मुख्यालय स्तर से किया गया है साथ ही साथ की स्कूलों में किन छात्र-छात्राओं की कॉपियां मूल्य मुख्यालय जाएगी इसका भी चयन कर विभाग ने जिले को सूची उपलब्ध करा दी है जिले के शिक्षा विभाग के शिक्षा पदाधिकारी ने अपने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से स्कूलों से कॉपियां मंगवाने का काम भी शुरू कर दिया है
उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में गड़बड़ी मिलने पर शिक्षकों पर होगी कारी करवाई
सितंबर महीने में पहले से आठवीं कक्षा तक के छात्राओं के अर्धवार्षिक परीक्षा हुई थी पहली बार सेंट्रलाइज्ड तरीके से रिसोर्स सेंटर में कॉपियों की जांच कराई गई इसके लिए अलग-अलग स्कूल के शिक्षक भी जांच में लगाए गए थे विभाग की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि अगर गोपियों की जांच में किसी भी तरह की घर पर पाई जाएगी तो जांच करने वाले शिक्षक के साथ-साथ वहां के प्रधानाध्यापक और केंद्र मूल्यांकन के निदेशक पर भी कार्रवाई होगी विभागीय सूत्रों की माने तो दरभंगा के अलावा इस शिक्षा पोर्टल पर मूल्यांकन रिपोर्ट अपलोड होने के बाद विभाग को कुछ गड़बड़ियां होने की आशंका मिली थी जिसकी जांच की गई उनमें यह आशंका सही पाई गई इसके बाद शिक्षा विभाग में यह कड़ा कदम उठाया है